Friday, February 15, 2019

61वीं बटालियन के वीर जवान रमेश यादव की शहादत को लेकर महादेव पीजी कॉलेज चिरयीगांव के 500 से अधिक बच्चे राष्ट्रध्वज लेकर शहीद रमेश के घर पहुंचे। उनके हाथों में तख्तियां थी, जिसमें लिखा था 'मोदी जी विकास रोक दो, पहले आतंकवादियों को ठोक दो'। बच्चों ने पाकिस्तान से बदला लेने के लिए जमकर नारेबाजी की और 'रमेश यादव अमर रहें' के नारे भी लगाए।

सीआरपीएफ की 61वीं बटालियन के वीर जवान रमेश यादव की शहादत को लेकर तोफापुर में उनके परिजनों और इलाके के लोगों के आंसुओं से भरे गुमसुम चेहरे शुक्रवार को कुछ ऐसी ही बातें कहते दिखे। शहीद रमेश के गांव से जनसैलाब उनके घर तक पहुंचा। रमेश की शहादत की सूचना मिलने के बाद गुरुवार रात से ही पत्नी रेनू की हालत बेसुधों जैसी थी। रेनू जब भी संयत हो रही थी तो कह रहीं थीं कि उनको अपने पति की शहादत पर गर्व है। उनके पति ने अच्छे कर्म किए थे, जिसके चलते वो अमर शहीद कहलाए। मैं धन्यभाग्य हूं जो उनकी जीवनसंगिनी बनने का सौभाग्य मिला। उनकी यादों और वीरता के किस्से के सहारे ये जीवन आसानी से कट जाएगा। 
रेनू रोते हुए बोली बेटे को बताऊंगी कि उसके पिता कितने जांबाज थे और कहूंगी कि उन्हीं के जैसा मातृभूमि का सेवक बनना। इस बीच डेढ़ साल के मासूम बेटे आयुष के चेहरे की तरफ जब भी रेनू का ध्यान जाता वो बिलखने लग जा रहीं थीं। वहीं, रमेश की मां राजमती देवी का कहना था कि कलेजे के टुकड़े के साथ क्या हो गया, समझ नहीं पा रही हूं...। सब कहते हैं कि बेटा देश पर न्योछावर हो गया... अमर हो गया... मैंने उसे जन्म दिया है... कैसे खुद को समझाऊं कि मेरा लाल अब मुझे कभी मां नहीं कहेगा

वहीं, जिसने सुना वही रमेश के घर की और चल पड़ा। महादेव पीजी कॉलेज चिरयीगांव के 500 से अधिक बच्चे राष्ट्रध्वज लेकर शहीद रमेश के घर पहुंचे। उनके हाथों में तख्तियां थी, जिसमें लिखा था 'मोदी जी विकास रोक दो, पहले आतंकवादियों को ठोक दो'। बच्चों ने पाकिस्तान से बदला लेने के लिए जमकर नारेबाजी की और 'रमेश यादव अमर रहें' के नारे भी लगाए।
आंसुओं की धार को अपनी साड़ी के आंचल से लगातार पोंछते हुए रेनू को ढांढस बंधा रही राजमती ने कहा कि रमेश पर उनको गर्व था... और सदैव रहेगा...। वहीं, ग्रामीणों के बीच घिरे पिता श्यामनारायण यादव रोकर अपना दुख भी नहीं जाहिर कर पा रहे थे। श्यामनारायण ने कहा कि मुझसे बड़ा दुर्भाग्यशाली कौन होगा जो अपने बेटे की अर्थी को कंधा देगा...। हालांकि मुझसे ज्यादा गौरवशाली बाप भी कोई नहीं जिसका बेटा मातृभूमि के काम आया और अमर शहीद हो गया.

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